बेंगलुरु, 12 जुलाई 2025। पैरालंपिक समिति ऑफ इंडिया (PCI) की वार्षिक आम सभा (AGM) का आयोजन 11 जुलाई 2025 को बेंगलुरु के रमैया रिचमंड होटल में संपन्न हुआ। इस महत्वपूर्ण बैठक में बिहार पैरा स्पोर्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं PCI के एसोसिएट उपाध्यक्ष डॉ. शिवाजी कुमार ने भाग लिया। उनके साथ झारखंड पैरा स्पोर्ट्स समिति के अध्यक्ष श्री जयशंकर चौधरी एवं सचिव श्री कुमार गौरव भी उपस्थित रहे। इस बैठक की अध्यक्षता PCI अध्यक्ष श्री देवेंद्र झाझरिया जी ने की, जबकि महासचिव श्री जयवंत जी.एच., कोषाध्यक्ष श्री सुनील प्रधान जी , श्री सत्यनारायण जी (श्री सत्यनारायण जी
मुख्य संरक्षक , चेयरमैन- पारा एथलेटिक्स एवं वरिष्ठ सदस्य
पैरालंपिक समिति ऑफ इंडिया (Paralympic Committee of India)और देशभर के राज्य इकाइयों तथा राष्ट्रीय पैरा खेल महासंघों के प्रतिनिधियों ने भाग लेकर इसे एक सशक्त और समावेशी संवाद का रूप दिया।
बैठक में पिछली AGM की कार्यवाही को सर्वसम्मति से अनुमोदित किया गया, जिसकी डॉ. शिवाजी कुमार ने सराहना की और PCI की पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्वपूर्ण संचालन की प्रशंसा की। वित्तीय वर्ष 2024-25 के वार्षिक लेखा विवरण को भी बैठक में प्रस्तुत किया गया, जिसमें डॉ. कुमार ने सुझाव दिया कि राज्य स्तर पर वित्तीय प्रबंधन को बेहतर करने के लिए लेखा परीक्षकों में दिव्यांगता क्षेत्र की समझ रखने वाले विशेषज्ञों को शामिल किया जाना चाहिए।
नई दिल्ली में सितंबर 2025 में आयोजित होने वाली वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप के संदर्भ में डॉ. कुमार ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने आयोजन समिति में पूर्वी भारत विशेषकर बिहार और झारखंड के प्रतिनिधियों को शामिल करने, इन राज्यों के खिलाड़ियों और स्वयंसेवकों को उद्घाटन एवं समापन समारोहों में भागीदारी देने तथा बिहार द्वारा लॉजिस्टिक सहयोग और जनजागरूकता अभियान चलाने की पेशकश की। उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामीण एवं वंचित क्षेत्रों से आने वाले पैरा खिलाड़ियों की पहचान के लिए क्षेत्रीय चयन शिविरों का शीघ्र आयोजन आवश्यक है।
बैठक में बिहार को आगामी राष्ट्रीय अथवा क्षेत्रीय प्रतियोगिताओं की मेजबानी सौंपे जाने का प्रस्ताव रखा गया, साथ ही झारखंड के साथ संयुक्त आयोजन मॉडल को बढ़ावा देने की मांग की गई। संस्थाओं को मान्यता देने से पहले उनकी सक्रियता, पारदर्शिता और दिव्यांग अधिकारों के प्रति प्रतिबद्धता की उचित जांच सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
नीतिगत सुझावों में डॉ. कुमार ने राष्ट्रीय कोचिंग प्रत्यायन कार्यक्रम (National Coaching Accreditation Programme) प्रारंभ करने की सिफारिश की और सभी राज्यों में पैरा स्पोर्ट्स आयोगों की स्थापना के लिए नीति-स्तरीय पहल की मांग रखी। झारखंड के आदिवासी क्षेत्रों में पैरा खिलाड़ियों के लिए तकनीकी सहायता और खेल उपकरणों की व्यवस्था को प्राथमिकता देने का आग्रह भी बैठक में प्रस्तुत किया गया।
बैठक के समापन पर डॉ. शिवाजी कुमार ने PCI के सभी पदाधिकारियों, राज्य इकाइयों और प्रतिभागी सदस्यों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि यह वार्षिक बैठक भारत में पैरा खेलों के समग्र और समावेशी विकास की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है। उन्होंने बेंगलुरु शहर और आयोजन समिति को भव्य व्यवस्था और उत्कृष्ट आतिथ्य के लिए विशेष रूप से धन्यवाद दिया। इस बैठक ने यह स्पष्ट किया कि यदि सभी राज्य और संगठन मिलकर कार्य करें तो भारत को वैश्विक पैरा खेल मानचित्र पर और अधिक मजबूती से स्थापित किया जा सकता है।
यह रिपोर्ट बिहार और झारखंड के पैरा खेल समुदाय के लिए गर्व और प्रेरणा का विषय है तथा यह अपील करती है कि समाज, सरकार और मीडिया मिलकर पैरा खिलाड़ियों को समान अवसर, सम्मान और संसाधन उपलब्ध कराने में अपनी भूमिका निभाएं।
बेंगलुरु में PCI की वार्षिक बैठक में बिहार-झारखंड की प्रभावशाली भागीदारी